हैसियत प्रमाण पत्र

 


दोस्तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हैसियत प्रमाण पत्र के बारे में बात करेंगें इसकी जानकारी आप ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते है।आपको यहाँ पर यह जानकारी  भी प्राप्त कर सकते है की आप घर बैठे हैसियत प्रमाण पत्र कैसे बनवा सकते हैं । लेकिन अब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी ने हैसियत प्रमाण पत्र बनबाने की प्रक्रिया को ऑनलाइन भी शुरू कर दिया है।




हैसियत प्रमाण पत्र 


हैसियत प्रमाण पत्र एक ऐसा पत्र है, जो किसी भी नागरिक की संपत्ति की जानकारी रखने के लिए बनावाया जाता है | सामान्य भाषा मे हम कह सकते है कि  हैसियत प्रमाण पत्र एक ऐसा दस्तावेज है जिसके द्वारा व्यक्ति की आर्थिक स्थिति या मजबूती की जानकारी मिलती है।हैसियत प्रमाण पत्र के माध्यम से ही सरकारी विभाग उस नागरिक की संपत्ति की पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं , जो उसे प्रमाण पत्र देते है |

हैसियत प्रमाण पत्र क्यो आवश्यक है


  हैसियत प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कुछ सरकारी कार्यो में  किया जाता है, क्योंकि जब कोई सरकारी ठेका, किसी तरह का कोई सरकारी टेंडर के काम की शुरुआत करता हैं तो वह सबसे पहले सरकार से  हैसियत प्रमाण पत्र मांगता है , जिसे देखने के बाद ही उस व्यक्ति उस टेंडर के लिए आवेदन करने की अनुमति प्रदान की जाती है | इसके साथ ही इस प्रमाण पत्र को बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाने वाले, सड़क निर्माण वाले ठेकेदार और भी अन्य काम करने में मांगा जाता है |    जब आप कोई टेंडर वगैरह लेते है तो आपको हैसियत प्रमाण पत्र दिखाना होता है। कोई सरकारी ठेका, बड़ी बड़ी बिल्डिंग को बनाने का काम, कोई सड़क का ठेका या बैंक से लोन आदि में भी हैसियत प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।



हैसियत प्रमाण पत्र में मुख्य रूप से निम्न जानकारी भारी होनी चाहिये।


हैसियत प्रमाण पत्र में अनेक प्रकार की जानकारियों का विवरण देना होता है क्योंकि यह प्रमाण पत्र हमारी आर्थिक स्थिति के आधार पर बनाया जाता है। जिनमें मुख्य रूप से हमें इस प्रमाण पत्र में निम्न प्रकार की जानकारियों का विवरण स्पष्ट रूप से देना होता है।


० व्यक्तिगत विवरण

० संपत्ति का विवरण

० अनिवार्य व्यक्तिगत संलग्नक

० संपत्ति के अनुसार सम्बंधित दस्तावेज

० घोषणा पत्र


हैसियत प्रमाण पत्र बनबाने के लिए निम्न कागजातों की आवश्यकता है।


० आधार कार्ड

० पैन कार्ड

० निवास प्रमाण के लिए कोई दस्तावेज जैसे बिजली का बिल

० आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो

० अगर ज़मीन है तो उसकी फोटो

० घर है तो उसकी फोटो

० अगर संपत्ति है तो उसके दस्तावेज

० बैंक में में रखी राशि जो भी आप इसमें शामिल करना चाहते है। 



हैसियत प्रणाम पत्र बनबाने की ऑनलाइन प्रक्रिया


हैसियत प्रमाण पत्र के ऑनलाइन आवेदन के लिए सबसे पहले आवेदक को http://edistrict.up.nic.in/ साइट पर जाना होगा।



यहाँ होम पेज पर आपको सिटीजन लॉगिन आइकन दिखाई देगा, जिस पर क्लिक करके आप एक नई पेज पर पहुंच जायेंगें।


सीधे हाथ की तरफ आपको “नवीन उपयोगकर्ता पंजीकरण” आइकॉन दिखाई देगा, जहाँ क्लिक करके एक फॉर्म खुल जायेगा।



इस फॉर्म में आवेदक की सारी जानकारी उसका नाम, जन्म तिथि,पता, पिन कोड, मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी सही सही भरनी होगी।


सभी जानकारी अच्छे से चेक करने के बाद नीचे दिए हुए “सुरक्षित करें” बटन में क्लिक करें।


इसके बाद One time password (OTP) आपके दिए गए मोबाइल नंबर में आएगा। यह पहली बार लॉगिन करने के लिए पासवर्ड होगा।


लॉगिन करके के बाद पासवर्ड को बदल ले, और “आवेदन भरें” बटन पर क्लिक करें।


इसके बाद “सेवा चुनें” आइकॉन में हैसियत प्रमाण पत्र चुनें और नवीन आवेदन में क्लिक करें।


इसके बाद सारी जानकारी को अच्छे से पढ़कर “आगे बढ़ें” पर क्लिक करें। इससे हैसियत प्रमाण पत्र का ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म खुल जायेगा।


यहाँ आवेदक को संपत्ति से जुड़ी सारी जानकारी एवं दस्तावेज जमा करने होंगें जिसके बाद आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।


इसके बाद आवेदक हैसियत प्रमाण पत्र का प्रिंट आउट निकाल ले और इसे संभाल के रखे.





आवेदन करने की तारीख के 30 दिनों के भीतर सभी आवेदकों को उनके हैसियत प्रमाण पत्र मिल जायेंगें। योगी ने कहा है कि ऑनलाइन आवेदन से आसानी से लोगों को सेवाएं मिलेगी और पारदर्शी तरीके से बिना किसी परेशानी और भय के अच्छे से सरल ढंग से लोग घर बैठे ये सभी प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है।


हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश 


हैसियत प्रमाण पत्र में आवेदन करने के लिए सरकार द्वारा ₹100 की फीस निर्धारित की गई है। इसके साथ ही यदि आप जन सेवा केंद्र द्वारा आवेदन करते हैं। तो इसकी फीस आपसे ₹120 ली जाएगी।


चल संपत्ति की दशा में सिर्फ उन्हीं संपत्तियों का मूल्यांकन मान्य किया जाएगा। जो आवेदन कर्ता के स्वयं नाम पर होगी।

यदि कोई संपत्ति संयुक्त संपत्ति है। तो उस संपत्ति का मूल्यांकन मान्य नहीं किया जाएगा।


चल संपत्ति का कुल स्वीकार मूल्यांकन भार मुक्त अचल संपत्ति के कुल मूल्यांकन के आधे से अधिक नहीं होना चाहिए।


इसके साथ ही किसी प्रकार की शासकीय देय बकाया होने की स्थिति में विभागवार देय धन राशि का विवरण भी प्रस्तुत करना अनिवार्य है।


प्रमाण पत्र की वैधता जारी की गई तारीख से अगले 2 वर्ष तक मान्य होगी।


यदि किसी संपत्ति के स्वामित्व में संशोधन अथवा परिवर्तन किया जाता है। तो प्रमाणपत्र पुनः जारी करवाने का संपूर्ण दायित्व आवेदन कर्ता का ही होगा।


किसी भी प्रकार की बंधक सम्पत्तियों का मूल्यांकन मान्य नहीं किया जाएगा।


आवेदन कर्ता अपनी समस्त अचल संपत्तियों का मूल्यांकन किसी भी GAV(Government Approved Valuer) से कराया जा सकता है। अन्यथा सभी अचल संपत्तियों की जांच तहसील द्वारा की जाएगी।


चल संपत्ति के प्रकरण में आवेदक द्वारा चल संपत्ति के मूल्यांकन संबंधी GAV(Government Approved Valuer) अथवा सक्षम अधिकारी द्वारा संपत्ति के मूल्यांकन के समस्त अभिलेख अनिवार्य रूप से आवेदन करते समय ही पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।


इन संलग्न अभिलेखों की जांच जिला अधिकारी कार्यालय स्तर पर की जाएगी। उसके पश्चात ही अचल संपत्ति के मूल्यांकन से उसे जोड़कर प्रमाण पत्र जारी करने की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी।


हैसियत प्रमाण पत्र जारी करने की इकाई जिला होगी। इसका मतलब यदि आपकी संपत्ति कई तहसीलों में है। तो सभी तहसीलों से आख्या प्राप्त करके जिला अधिकारी द्वारा हैसियत प्रमाण पत्र जारी किए किया जाएगा।


साथ ही यदि आपकी कई जिलों में संपत्ति है। तो अलग-अलग जिलों से अलग अलग से प्राण पत्र प्राप्त करना होगा।


इसके साथ ही हैसियत के रूप में यदि बैंक में जमा धनराशि दर्शाई जाती है। तो बैंक में जमा धनराशि कम से कम 3 महीने पहले से जमा होनी चाहिए। और साथ ही कार्य पूरा होने तक बैंक में अवश्य जमा रहनी चाहिए।


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