Sell deed (बैनामा)

         

 

 हेलो दोस्तों आज का हमारा टॉपिक है बैनामा आज हम सेल डीड अर्थात बैनामा के बारे में विस्तार से जानेंगे की बैनामा होता क्या है और इसे ऑनलाइन देखने की क्या प्रक्रिया है

वह पत्र या दस्तावेज जिसमें किसी वस्तु विशेषतः मकान या जमीन, जायदाद आदि के बेचने और उससे संबंध रखनेवाली शर्तों का उल्लेख होता है। वह विक्रय-पत्र होता है।असल मे प्रॉपर्टी के लेनदेन में बिक्रीनामा एक अहम दस्तावेज होता है, जिसे कन्वेयंस डीड भी कहा जाता है। कानूनी दस्तावेज होने के अलावा यह एक सबूत है कि विक्रेता ने प्रॉपर्टी खरीददार के नाम कर दी है। इससे यह भी साबित होता है कि खरीददार ही प्रॉपर्टी का असली मालिक है। इसे ओर भी कई नमो से  भी बुलाते हैं जैसे कि बैनामा, सेल डीड, रजिस्ट्री, बिक्री पत्र आदि।






उत्तर प्रदेश का स्टाम्प व रजिस्ट्री विभाग ने रजिस्ट्री या बैनामे को लेकर अपने कई नियमों बड़ा बदलाव किया है। विभाग अब प्रदेश में स्थित किसी भी भू-सम्पत्ति की रजिस्ट्री की कई पन्नों की नकल नहीं देगा। बल्कि उसके बजाए केवल एक पन्ने का प्रमाण पत्र जारी करेगा। रजिस्ट्री से संबंधित इस प्रमाण पत्र में खरीदने और बेचने वाले का नाम, रकबा, खसरा-खतौनी की संख्या समेत दूसरे ब्यौरे दर्ज होंगे। 

यूपी के स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा आम आदमी की सुविधा के लिए पंजीकृत लेख पत्र को एक पेज पर भी प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट) उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस प्रमाण पत्र की जरूरत के संबंध में शैक्षणिक संस्थानों द्वारा एवं पंजीकृत न्यास के न्यासियों द्वारा मांग की जा रही थी। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र के लिए पक्षकार को स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह प्रमाण मात्र 100 रुपए शुल्क के रूप में संबंधित उप निबंधक कार्यालय में जमा करने के बाद उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में अचल संपत्ति से जुड़े वर्ष 2018 के बाद के पंजीकृत लेखपत्रों का प्रमाण पत्र ऑनलाइन  उपलब्ध है।

ऑनलाइन कैसे देखे

० सबसे पहले Up IGRS की वेबसाइट पर जाए


० संपत्ति खोजे पर क्लिक करे


० 2017 के पहले या बाद के साथ क्रेता के नाम या विक्रेता के     नाम से खोजे का चयन करे


० जिले का नाम , क्रेता / विक्रेता का नाम, तहसील, गाँव का चयन कर सर्च करे।


रजिस्ट्री में कितने पैसे लगतेहै।


रजिस्ट्री में वकील के खर्च के अलावा आपको दो जगह पैसा देना होता है, एक- स्टांप ड्यूटी यानी स्टांप पेपर और दूसरा  रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्ट्रेशन शुल्क. अभी उत्तर प्रदेश में 10 लाख रुपये तक कीमत की संपत्ति पर 6 फीसदी की दर से स्टांप ड्यूटी लगती है जबकि 10 लाख से महंगी संपत्ति पर ये दर 7 फीसदी है.



सर्कल रेट क्या होता है?


जिला प्रशासन (District Administration) शहरों में जमीन और अन्य संपत्तियों (Land & Other assets) के लिए एक मानक रेट (Standard Rate) तय करने के लिए जिम्मेदार होता है। वह जो रेट तय कर देता है, उस रेट से नीचे जमीन की खरीद-बिक्री की रजिस्ट्री (Registration of Property) नहीं होगी। यही रेट सर्किल रेट (Circle rate) कहलाता है।


क्या बैनामा खारिज हो सकता है?


बैनामे को रद्द करने के लिए सिविल कोर्ट में वाद दायर किया जा सकता है। ... कोर्ट ने कहा कि एक जमीन का बैनामा करने के बाद उसे दुबारा उसी जमीन का बैनामा करने का अधिकार नहीं है। यदि बैनामा कर दिया गया है तो उसे सिविल कोर्ट में वाद दायर कर निरस्त कराया जा सकता है



बैनामा कितने वर्ष के लिये मान्य है


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अगर वास्तविक या वैध मालिक अपनी अचल संपत्ति को दूसरे के कब्जे से वापस पाने के लिए समयसीमा के अंदर कदम नहीं उठा पाएंगे तो उनका मालिकाना हक समाप्त हो जाएगा और उस अचल संपत्ति पर जिसने कब्जा कर रखा है, उसी को कानूनी तौर पर मालिकाना हक दे दिया जाएगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट कर दिया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को इस दायरे में नहीं रखा जाएगा। यानी, सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को कभी भी कानूनी मान्यता नहीं मिल सकती है।



सभी नियम पर शर्तों पर हामी भरने के बाद बैनामा तैयार किया जाता है। संपत्ति के मालिकाना हक वाले दस्तावेज को दोनों पक्ष निष्पादित करते हैं और उसके हर पेज पर दस्तखत किए जाते है। बिक्रीनामे पर दो गवाहों के साइन होने भी अनिवार्य है। साथ ही उनका पूरा नाम और पता भी लिखा होना चाहिए।

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